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पर्यावरण
             

वृक्ष, स्वच्छ वायु, शुद्ध जल और हरित खुले स्थल:

‘‘ये किसी शहर को रहने योग्य बनाते हैं ‘‘

Northern Ridge

मुख्य योजना के अंतर्गत दिल्ली के विकास में विविध हरित क्षेत्रों के रूप में विस्तृत खुले क्षेत्र के साथ हरित स्थलों का प्रावधान है । दि.वि.प्रा. ने रिज, हरित पट्टी आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखा है और खुले स्थलों का विकास किया है ताकि इस महानगरीय शहर की बढ़ती जनसंख्या को समाहित किया जा सके । 44777 हेक्टे. के कुल शहरी क्षेत्र में से 8722 हेक्टे. को हरित क्षेत्र/मनोरंजनात्मक प्रयोजन के लिए निर्धारित किया गया है ।

दि.मु.यो. 2021 के अनुसार, हरित क्षेत्र के लिए 8722 हैक्टेयर भूमि आरक्षित रखी गई है। हालांकि दिल्ली में विभिन्न एजेंसियों द्वारा हरित क्षेत्र का रखरखाव किया जाता है, तथापि दि.वि.प्रा. के अधिकार क्षेत्र में 5050.97 हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र आता है और दि.वि.प्रा. ने इसमें अहम भूमिका अदा की है ।

तुलनात्मक चार्ट इस प्रकार है:
शहर दि.वि.प्रा. के अंतर्गत आने वाला हरित क्षेत्र
बैंगलोर 13.57
हैदराबाद 9.21
बीकानेर 2.63
कानपुर 16.80
इलाहाबाद 2.98
कोलकाता 7.00
दिल्ली 19.00

द्वारका, रोहिणी और नरेला जैसी कॉलोनियों के शहरी विस्तार क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ दि.वि.प्रा. इन शहरी विस्तार क्षेत्रों में हरित क्षेत्रों को विकसित करने में विशेष रूचि ले रहा है । उसके इन प्रयासों को निम्नलिखित आंकड़ों से देखा जा सकता है:-

दि.वि.प्रा. के अंतर्गत हरित क्षेत्र
क्षेत्र हैक्टेयर
संघ शासित क्षेत्र दिल्ली का कुल क्षेत्रफल 148639
मुख्य योजना के अनुसार शहरी क्षेत्र 44777
मनोरंजनात्मक उपयोग 8722
Tदि.वि.प्रा. के अधिकार क्षेत्र में आने वाला कुल हरित क्षेत्र 5050.97


शहरी विस्तार परियोजना में हरित क्षेत्र
क्षेत्र हैक्टेयर
द्वारका 1034.00
रोहिणी, फेज- I एवं II 224.70
नरेला 1029.00

दिल्ली विकास प्राधिकरण मुख्य योजना हरित क्षेत्रों को विकसित एवं उनका रख-रखाव कर रहा है । सामान्य रूप से किसी विशेष कालोनी का विकास करने के बाद हरित क्षेत्रों अथवा पार्कों को रख-रखाव के लिए स्थानीय नगर निकाय को हस्तांतरित कर दिया जाता है परन्तु बड़े हरित क्षेत्रों की देखभाल और उनके रख-रखाव के लिए दि.वि.प्रा. उन्हें अपने पास रख लेता है । इन हरित क्षेत्रों के रख-रखाव के लिए किसी भी प्रकार के कर अथवा कोई भी अनुदान प्राप्त नहीं होता है । दिल्ली के नागरिकों के प्रति दि.वि.प्रा. की तरफ से यह एक अच्छा कार्य है ।