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अधिकार-पत्र

दिल्ली विकास अधिनियम, 1957 की धारा 6 के अंतर्गत दिल्ली विकास प्रधिकरण को निम्नलिखित अधिकार-पत्र दिया गया है:

‘‘योजना के अनुसार दिल्ली के विकास को बढावा देना और सुनिश्चित करना। इस प्रयोजनार्थ प्रधिकरण को भूमि एवं अन्य संपति के अधिग्रहण, नियंत्रण, प्रबंधन और निपटान, जल एवं विद्युत आपूर्ति संबंधित अन्य कार्यो हेतु निर्माण, अभियांत्रिकी, खनन तथा अन्य कार्य करना और सीवेज एवं अन्य सेवाओं का निपटान तथा सुविधाओं का विकास करना एवं सामान्यतः ऐसे विकास के प्रयोजनार्थ और इस उद्देश्य के लिए प्रासंगिक कुछ भी आवश्यक अथवा उचित करने का अधिकार होगा।’’

सरल शब्दों में, 1957 के अधिनियम द्वारा यथा अभिपुष्ट दि.वि.प्रा. के अधिकार-पत्र में प्राधिकरण के निम्नलिखित उद्देश्य है:

  • दिल्ली के वर्तमान एवं भावी विकास को शामिल करते हुए एक मुख्य योजना बनाना और सभी संभावित गतिविधियों को शमिल करते हुए इस योजना के अनुसार दिल्ली के विकास को बढ़ावा देना और सुनिश्चित करना।

  • भूमि एवं अन्य संपति का अधिग्रहण, नियंत्रण, प्रबंधन और निपटान।

  • निर्माण, अभियांत्रिकी, खनन तथा अन्य कार्य करना।

और उपरोक्त के प्रासंगिक सेवाएं एवं सुविधाएं उपलब्ध कराना।