नगर वन:
दि.वि.प्रा. न केवल बढ़ते हुए महानगरों के लिए आवश्यक वायुप्रद स्थानों का विकास करने हेतु नगर वनों के संरक्षण एवं विकास का कार्य कर रहा है बल्कि साथ ही साथ लोगों को रहने योग्य स्वस्थ, सुंदर वातावरण भी उपलब्ध करा रहा है ।
दि.वि.प्रा. द्वारा व्यापक वनीय क्षेत्रों का विकास किया गया है ताकि तेजी से प्रदूषित होती हुई राजधानी में संतुलन को सुसंगत बनाया जा सके ।
दि.वि.प्रा. ने पूरे शहर में 25 स्प्रॉलिंग नगर वन विकसित किए हैं । ये शहर के प्राकृतिक वायुप्रद क्षेत्र हैं जो प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति को दूर करते हैं ।
दि.वि.प्रा. ने नगर वनों के पुनः निर्माण के लिए व्यापक क्षेत्रों में वनरोपण किया है, ताकि नगर में प्रदूषण की स्थिति में सुधार आ सके और आस-पास की कॉलोनियों के लिए स्वच्छ वायु की व्यवस्था हो सके ।
ऊँचे वृक्षों और झाड़ियों, पक्षियों की चहचहाहट तथा वन्य वातावरण की अनुभूति, शहरी भीड-भाड तथा इसके परिणामस्वरूप तनाव एवं दबाव को कम करता है ।
प्रातःकालीन सैर करने वाले प्रकृति प्रेमियों के लिए सच्चे स्वर्ग जैसे 25 संरक्षित वन दि.वि.प्रा. के वर्तमान क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आते हैं ।